मुसलमान की हालत जार कि नई किश्त बांदा में मौजूद जामिया अरबिया हथौड़ा को चुकानी पड़ी दहशतगर्दी के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर जामिया अरबिया हथौड़ा में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी टूट पड़ी
बांदा और आस पास के इलाकों में ना सिर्फ मुसलमान बल्कि गैर मुस्लिम भी इससे मुतशिर है और गैर मुस्लिमो पर भी इसका असर है सायाद यही वजह है कि एनआईए ने हथौड़ा में हथौड़ा बरसाने का पक्का इरादा कर लिया है ये बात तो बिल्कुल तै है कि मदरसे में छापा मारी की पटकथा राजधानी में बैठकर लिखी गई है और कुछ हद तक इसमें बृजेश प्रजापति विधायक तिंदवारी का भी हांथ है और ये बात भी तै है कि हुकूमत को भी अहसास है कि इस मदरसे में छापा मारी से देश भर में गलत पैग़ाम जाएगा इसलिए उसने कश्मीरी दहशतगर्दी का सहारा लेकर छपा मारी की ताकि उनके पास मदरसे को बदनाम करने का सेटिफिएकेट मिल जाए ये छापा किसी अतंकवादी के खिलाफ कार्रवाई से ज्यादा खुद ही आतंकवाद फैलाने के लिए की गई ताकि मुसलमानों के अंदर दा और खौफ पैदा किया जाए अगर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करनी होती तो ये काम मौलाना मुजीब से बात करके के भी किया का सकता था छापा मारने कि जरूरत नहीं थी एनआईए के पास मदरसे खिलाफ सिर्फ इतने सबूत थे कि मदरसे में कश्मीरी छात्र कभी कभी अपने दोस्त से मिलने आजाया करता था एनआईए इस बात पर जिद कर रही थी कि वह यहां क्यों आता अब एक सवाल ये है कि अगर कोई अतंकवादी कभी किसी यूनिवर्सिटीज या कॉलेज या हॉस्टल में आया हो या कभी साल 2 साल पहले पढ़ाई की हो तो क्या एनआईए वहां भी छापा मार कार्रवाई करेगी हरगिज नहीं करेगी क्योंकि एनआईए हिंदुत्व के लिए काम करती है देश केलिए नहीं ।करती मानलो अगर कोई अतंकवादी अपने दोस्त से मिलने के लिए आईआईटी पावोई में जाए और मिलकर आजये 1 साल बाद एनआईए को पता चले कि ये अतंकवादी आईआईटी पवई गया था तो क्या आईआईटी कानपुर या खड़गपुर या आईआईटी पवई में छापा मारी करेगी जवाब है कभी नहीं करेगी ऐसी कार्रवाई सिर्फ मदरसों के लिए होती है
जबकि हकीकत ये है कि अभी तक एक भी आतंकवादी मदरसे से पढ़कर नहीं निकला जितने भी आतंकवादी पकड़े गए या मारे गए सबके सब किसी ना किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटीज से पढ़कर आतंकवादी बने हैं गोडसे साध्वी प्रज्ञा सिंह कर्नल पुरोहित सीमा असीमा नं द वागीरह सबके सब आरएसएस की सखाओं से निकले हैं एनआईए को आरएसएस पर छापा मारी करनी चाहिए आरएसएस पर बैन लगाना चाहिए मगर ऐसा नहीं होगा बल्कि ये तो सिर्फ मुसलमानों को बदनाम करने उन्हें झूठे केस फंसाने के लिए बनाई गई है ये उसी का नतीजा है कि मौलाना सज्जाद नोमानी के खिलाफ देश द्रोही का केस दर्ज किया गया दूसरी तरफ टीडीपी के एमपी मनोहर ने तो देश के टुकड़े करने और साउथ इंडिया यानी दक्षिण भारत अलग देश बनाने की बात कही लेकिन उस पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई क्या ये देश द्रोह नहीं है इस बात से पता चलता है कि ये सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों को परेशान उन्हें झूठे केसों में फंसाने और अपना वोट बैंक मजबूत करने का मामला है इस मदरसे में छापा मारी में बड़े बड़े सूरमा सामिल है ।हो सकता है श्री श्री रवि शंकर भी इस साज़िश का हिस्सा हो क्योंकि बाबरी मस्जिद का केस चल रहा है इनको मालूम है कि ये लोग कैसे हार जाएंगे और फैसला मस्जिद के हक में आयेगा इस लिए ये लोग बाबरी मस्जिद का मामला कोर्ट के बाहर सुलझाना चाहते हैं और धमकी भी से रहे हैं कि अगर फैसला मंदिर के खिलाफ आया तो हिंदुस्तान सीरिया बन जाएगा यानी जिस तरह सीरिया में हुकूमत खुद ही अपने नागरिकों को मार रही उसी तरह मुसलमानों कि भी हिंदुस्तान में मारा जाएगा रवि शंकर ने सोचा होगा की इससे मुसलमान डर जाएंगे मगर मगर ऐसा नहीं हुआ तब केंद्र की सरकार ने एनआईए को बड़े बड़े मदरसे और बड़ी बड़ी मस्जिदों कि लिस्ट लिस्ट डी गई है कि ताकि मुसलमानों को परेशा । करो हथौड़ा मदरसे का छापा भी इसी साज़िश का हिस्सा है यानी मुसलमानों को डराने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है ताकि बाबरी मस्जिद का मामला कोर्ट के बाहर हो जाए
इस मामले मैं मदरसे के संचालक वकाई तारीफ के काबिल हैं पहले तो एनआईए ने मदरसे के अंदर पूछताछ की फिर दूसरे दिन जमालपुर पुलिस स्टेशन आने को कहा गया तो मुफ्ती नजीब दिए गए वक़्त पर पूरे जवाब के साथ गए यहां भी एनआईए ने अपने तमाम हरबे इस्तेमाल किए उन्हें डराया गया मगर मुफ्ती नजीब अल्लाह का नाम लेकर डटे रहे और तमाम सवालों का जवाब देते रहे अब सवाल ये उठता है कि अगर एनआईए को कश्मीर के लड़के के बारे में बात करनी या इंक्वाइरी करनी थी तो सिर्फ उसके बारे में ही सवाल करते मगर यहां तो एनआईए ने कई तरह सवाल किए मसलन की आप लोग क्या पढ़ाते है कौन सी पाठ पढ़ाते हो बच्चे कहां से आते हैं कितनी कमाई हो जाती है चंदा कहां कहां से आता है ऐसे सवाल थे पुलिस के यानी पुलिस किसी तरह मदरसे को बदनाम करना चाहती है फिर भी जब एनआईए को तसाल्ली नहीं हुई तो मुफ्ती नजीब को दिल्ली बुलाया है
ऐसी कौनसी जांच है को दिल्ली जाकर पूरी होगी
दोस्तों ये सिर्फ मदरसे को बदनाम करने मुसलमानों दिलों में खौफ पैदा करने के लिए किया जा रहा है और दूसरी तरफ मदरसों पर पाबंदी लगाने की भी साज़िश रची जा रही है ये उसी साज़िश का हिस्सा है
बांदा और आस पास के इलाकों में ना सिर्फ मुसलमान बल्कि गैर मुस्लिम भी इससे मुतशिर है और गैर मुस्लिमो पर भी इसका असर है सायाद यही वजह है कि एनआईए ने हथौड़ा में हथौड़ा बरसाने का पक्का इरादा कर लिया है ये बात तो बिल्कुल तै है कि मदरसे में छापा मारी की पटकथा राजधानी में बैठकर लिखी गई है और कुछ हद तक इसमें बृजेश प्रजापति विधायक तिंदवारी का भी हांथ है और ये बात भी तै है कि हुकूमत को भी अहसास है कि इस मदरसे में छापा मारी से देश भर में गलत पैग़ाम जाएगा इसलिए उसने कश्मीरी दहशतगर्दी का सहारा लेकर छपा मारी की ताकि उनके पास मदरसे को बदनाम करने का सेटिफिएकेट मिल जाए ये छापा किसी अतंकवादी के खिलाफ कार्रवाई से ज्यादा खुद ही आतंकवाद फैलाने के लिए की गई ताकि मुसलमानों के अंदर दा और खौफ पैदा किया जाए अगर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करनी होती तो ये काम मौलाना मुजीब से बात करके के भी किया का सकता था छापा मारने कि जरूरत नहीं थी एनआईए के पास मदरसे खिलाफ सिर्फ इतने सबूत थे कि मदरसे में कश्मीरी छात्र कभी कभी अपने दोस्त से मिलने आजाया करता था एनआईए इस बात पर जिद कर रही थी कि वह यहां क्यों आता अब एक सवाल ये है कि अगर कोई अतंकवादी कभी किसी यूनिवर्सिटीज या कॉलेज या हॉस्टल में आया हो या कभी साल 2 साल पहले पढ़ाई की हो तो क्या एनआईए वहां भी छापा मार कार्रवाई करेगी हरगिज नहीं करेगी क्योंकि एनआईए हिंदुत्व के लिए काम करती है देश केलिए नहीं ।करती मानलो अगर कोई अतंकवादी अपने दोस्त से मिलने के लिए आईआईटी पावोई में जाए और मिलकर आजये 1 साल बाद एनआईए को पता चले कि ये अतंकवादी आईआईटी पवई गया था तो क्या आईआईटी कानपुर या खड़गपुर या आईआईटी पवई में छापा मारी करेगी जवाब है कभी नहीं करेगी ऐसी कार्रवाई सिर्फ मदरसों के लिए होती है
जबकि हकीकत ये है कि अभी तक एक भी आतंकवादी मदरसे से पढ़कर नहीं निकला जितने भी आतंकवादी पकड़े गए या मारे गए सबके सब किसी ना किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटीज से पढ़कर आतंकवादी बने हैं गोडसे साध्वी प्रज्ञा सिंह कर्नल पुरोहित सीमा असीमा नं द वागीरह सबके सब आरएसएस की सखाओं से निकले हैं एनआईए को आरएसएस पर छापा मारी करनी चाहिए आरएसएस पर बैन लगाना चाहिए मगर ऐसा नहीं होगा बल्कि ये तो सिर्फ मुसलमानों को बदनाम करने उन्हें झूठे केस फंसाने के लिए बनाई गई है ये उसी का नतीजा है कि मौलाना सज्जाद नोमानी के खिलाफ देश द्रोही का केस दर्ज किया गया दूसरी तरफ टीडीपी के एमपी मनोहर ने तो देश के टुकड़े करने और साउथ इंडिया यानी दक्षिण भारत अलग देश बनाने की बात कही लेकिन उस पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई क्या ये देश द्रोह नहीं है इस बात से पता चलता है कि ये सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों को परेशान उन्हें झूठे केसों में फंसाने और अपना वोट बैंक मजबूत करने का मामला है इस मदरसे में छापा मारी में बड़े बड़े सूरमा सामिल है ।हो सकता है श्री श्री रवि शंकर भी इस साज़िश का हिस्सा हो क्योंकि बाबरी मस्जिद का केस चल रहा है इनको मालूम है कि ये लोग कैसे हार जाएंगे और फैसला मस्जिद के हक में आयेगा इस लिए ये लोग बाबरी मस्जिद का मामला कोर्ट के बाहर सुलझाना चाहते हैं और धमकी भी से रहे हैं कि अगर फैसला मंदिर के खिलाफ आया तो हिंदुस्तान सीरिया बन जाएगा यानी जिस तरह सीरिया में हुकूमत खुद ही अपने नागरिकों को मार रही उसी तरह मुसलमानों कि भी हिंदुस्तान में मारा जाएगा रवि शंकर ने सोचा होगा की इससे मुसलमान डर जाएंगे मगर मगर ऐसा नहीं हुआ तब केंद्र की सरकार ने एनआईए को बड़े बड़े मदरसे और बड़ी बड़ी मस्जिदों कि लिस्ट लिस्ट डी गई है कि ताकि मुसलमानों को परेशा । करो हथौड़ा मदरसे का छापा भी इसी साज़िश का हिस्सा है यानी मुसलमानों को डराने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है ताकि बाबरी मस्जिद का मामला कोर्ट के बाहर हो जाए
इस मामले मैं मदरसे के संचालक वकाई तारीफ के काबिल हैं पहले तो एनआईए ने मदरसे के अंदर पूछताछ की फिर दूसरे दिन जमालपुर पुलिस स्टेशन आने को कहा गया तो मुफ्ती नजीब दिए गए वक़्त पर पूरे जवाब के साथ गए यहां भी एनआईए ने अपने तमाम हरबे इस्तेमाल किए उन्हें डराया गया मगर मुफ्ती नजीब अल्लाह का नाम लेकर डटे रहे और तमाम सवालों का जवाब देते रहे अब सवाल ये उठता है कि अगर एनआईए को कश्मीर के लड़के के बारे में बात करनी या इंक्वाइरी करनी थी तो सिर्फ उसके बारे में ही सवाल करते मगर यहां तो एनआईए ने कई तरह सवाल किए मसलन की आप लोग क्या पढ़ाते है कौन सी पाठ पढ़ाते हो बच्चे कहां से आते हैं कितनी कमाई हो जाती है चंदा कहां कहां से आता है ऐसे सवाल थे पुलिस के यानी पुलिस किसी तरह मदरसे को बदनाम करना चाहती है फिर भी जब एनआईए को तसाल्ली नहीं हुई तो मुफ्ती नजीब को दिल्ली बुलाया है
ऐसी कौनसी जांच है को दिल्ली जाकर पूरी होगी
दोस्तों ये सिर्फ मदरसे को बदनाम करने मुसलमानों दिलों में खौफ पैदा करने के लिए किया जा रहा है और दूसरी तरफ मदरसों पर पाबंदी लगाने की भी साज़िश रची जा रही है ये उसी साज़िश का हिस्सा है
Comments
Post a Comment