जानिए बिहार और बंगाल में दंगे क्यों हुए
असली वजह है ये नारे और गाने जो डीजे पर बजाए गए
ये दंगे सुनियोजित थे पहले प्लान किया गया उसके बाद बीजेपी और वीएचपी के गुंडों ने मिलकर तबाही मचाई ये खुद ही दंगा करते हैं और मुसलमानों पर इलज़ाम लगाते हैं रोहित सरदाना जैसे कुत्ते इन हरामियों का साथ देते हैं
नीतीश को ये सब पहले से मालूम था मगर उसने ये दंगे रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं कि इसकी क्या वजह थी कहीं बीजेपी या आरएसएस का दबाव तो नहीं था वरना क्या वजह थी कि सब कुछ जानने के बा वजूद दंगे रोकने की कोशिश नहीं की गई
रिपोर्ट के अनुसार ट्रक में भरकर तलवारें लाई गईं और बाद में इन तलवारों को जन जन तक पहुंचाया गया
इसकी भी जांच होनी चाहिए ये तलवारें कहां से आई इनकी फंडिंग किसने की और जब तलवारें बांटी जा रही थी तब क्या पुलिस प्रशाशन सोया हुआ था या फिर उन्हें सोनेंके लिए मजबूर किया गया था पीएम मोदी का एक इतिहास है 2002 के गुजरात के दंगे जिसमें खुद मोदी ने गुंडों को ढील दी थी मुसलमानों का कतल करने के लिए कहीं वहीं पैटर्न बिहार में तो नहीं आजमाया जा रहा है अगर ऐसा है तो समझो भारत को बर्मा बनाया जा रहा है और ये बहुत ही गंभीर विषय है पूरे देश को इस बारे में चिंतन करना चाहिए वरना ये पैटर्न पूरे देश को बरबाद कर देगा
ये वीडियो देखिए सारी असलियत सामने आजाएगी
और ये नारे हैं जो मुस्लिम मोहल्लों में जाकर लगाए गए
पाकिस्तान में भेजो या कत्लेआम कर डालो,
आस्तिन के सांपों को न दुग्ध पिलाकर पालो
रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएगे
रहना है तो वहीं मुर्दास्तान बनकर रहो, औरंगजेब, बाबर बने तो खाक में मिला देंगे तुम्हारी हर बस्ती को’
टोपी वाला भी सर झुकाकर जय श्री राम बोलेगा.
जब हिन्दू इनकी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,खोलेगा
..’सुन लो मुल्ले पाकिस्तानी, गुस्से में हैं बाबा बर्फानी...'
जय श्री राम...जय श्री राम
जो छुएगा हिंदुओं की हस्ती को, मिटा डालेंगे उसकी हरेक बस्ती को हूं
दूर हटो, अल्लाह वालों क्यों जन्मभूमि को घेरा है
मस्जिद कहीं और बनाओ तुम, ये रामलला का डेरा है..
.’जलते हुए दिए को परवाने क्या बुझाएंगे
जो मुर्दों को नहीं जला पाते वो जिंदों को क्या जलाएंगे’
..जो हमारे देश में राम का नहीं
वो हमारे किसी काम का नहीं
’दरभंगा में भी रामनवमी की शोभा यात्रा निकली थी. शोभा यात्रा जैसे ही मुस्लिम मोहल्ले के पास पहुंची वैसे ही डीजे से बजने वाला गाना बदल गया. गाने में जय श्री राम के नारे का उद्घोष था और पाकिस्तान मुर्दाबाद था. स्थानीय प्रशासन ने तुरंत ये गाने बंद करवाए और दोनों समुदाय के लोगों के साथ बातचीत करके माहौल को सामान्य किया जिसके बाद शोभायात्रा निकली.
इस बारे में जिला के वरीय उप समाहर्ता (Senior Dy. Collector) रविंद्र कुमार दिवाकर कहते हैं, 'ऐसे मौकों पर डीजे से जो गाने बजाए जा रहे हैं वो बहुत आपत्तिजनक हैं. दूसरे समुदाय के लोगों को चिढ़ाने जैसा है. मुस्लिम इलाकों में जाते ही पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए जाते हैं. ऐसा करना कहीं से उचित नहीं है. इस देश के मुसलमान भी भारतीय हैं. ऐसा करने वाले उन्हें यह एहसास दिलाना चाहते हैं कि वो विदेशी हैं जो कि पूरी तरह से गलत है.’
वो आगे कहते हैं, 'आप केवल गानों को दोष क्यों दे रहे हैं? मुस्लिम इलाकों में जाने के बाद लगाए जाने वाले नारे बदल जाते हैं. टोन बदल जाता है. हाव-भाव तक बदल जाता है. हम ऐसी किसी भी हरकत को बर्दाश्त नहीं करते.’
असली वजह है ये नारे और गाने जो डीजे पर बजाए गए
ये दंगे सुनियोजित थे पहले प्लान किया गया उसके बाद बीजेपी और वीएचपी के गुंडों ने मिलकर तबाही मचाई ये खुद ही दंगा करते हैं और मुसलमानों पर इलज़ाम लगाते हैं रोहित सरदाना जैसे कुत्ते इन हरामियों का साथ देते हैं
नीतीश को ये सब पहले से मालूम था मगर उसने ये दंगे रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं कि इसकी क्या वजह थी कहीं बीजेपी या आरएसएस का दबाव तो नहीं था वरना क्या वजह थी कि सब कुछ जानने के बा वजूद दंगे रोकने की कोशिश नहीं की गई
रिपोर्ट के अनुसार ट्रक में भरकर तलवारें लाई गईं और बाद में इन तलवारों को जन जन तक पहुंचाया गया
इसकी भी जांच होनी चाहिए ये तलवारें कहां से आई इनकी फंडिंग किसने की और जब तलवारें बांटी जा रही थी तब क्या पुलिस प्रशाशन सोया हुआ था या फिर उन्हें सोनेंके लिए मजबूर किया गया था पीएम मोदी का एक इतिहास है 2002 के गुजरात के दंगे जिसमें खुद मोदी ने गुंडों को ढील दी थी मुसलमानों का कतल करने के लिए कहीं वहीं पैटर्न बिहार में तो नहीं आजमाया जा रहा है अगर ऐसा है तो समझो भारत को बर्मा बनाया जा रहा है और ये बहुत ही गंभीर विषय है पूरे देश को इस बारे में चिंतन करना चाहिए वरना ये पैटर्न पूरे देश को बरबाद कर देगा
ये वीडियो देखिए सारी असलियत सामने आजाएगी
पाकिस्तान में भेजो या कत्लेआम कर डालो,
आस्तिन के सांपों को न दुग्ध पिलाकर पालो
रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएगे
रहना है तो वहीं मुर्दास्तान बनकर रहो, औरंगजेब, बाबर बने तो खाक में मिला देंगे तुम्हारी हर बस्ती को’
टोपी वाला भी सर झुकाकर जय श्री राम बोलेगा.
जब हिन्दू इनकी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,खोलेगा
..’सुन लो मुल्ले पाकिस्तानी, गुस्से में हैं बाबा बर्फानी...'
जय श्री राम...जय श्री राम
जो छुएगा हिंदुओं की हस्ती को, मिटा डालेंगे उसकी हरेक बस्ती को हूं
दूर हटो, अल्लाह वालों क्यों जन्मभूमि को घेरा है
मस्जिद कहीं और बनाओ तुम, ये रामलला का डेरा है..
.’जलते हुए दिए को परवाने क्या बुझाएंगे
जो मुर्दों को नहीं जला पाते वो जिंदों को क्या जलाएंगे’
..जो हमारे देश में राम का नहीं
वो हमारे किसी काम का नहीं
’दरभंगा में भी रामनवमी की शोभा यात्रा निकली थी. शोभा यात्रा जैसे ही मुस्लिम मोहल्ले के पास पहुंची वैसे ही डीजे से बजने वाला गाना बदल गया. गाने में जय श्री राम के नारे का उद्घोष था और पाकिस्तान मुर्दाबाद था. स्थानीय प्रशासन ने तुरंत ये गाने बंद करवाए और दोनों समुदाय के लोगों के साथ बातचीत करके माहौल को सामान्य किया जिसके बाद शोभायात्रा निकली.
इस बारे में जिला के वरीय उप समाहर्ता (Senior Dy. Collector) रविंद्र कुमार दिवाकर कहते हैं, 'ऐसे मौकों पर डीजे से जो गाने बजाए जा रहे हैं वो बहुत आपत्तिजनक हैं. दूसरे समुदाय के लोगों को चिढ़ाने जैसा है. मुस्लिम इलाकों में जाते ही पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए जाते हैं. ऐसा करना कहीं से उचित नहीं है. इस देश के मुसलमान भी भारतीय हैं. ऐसा करने वाले उन्हें यह एहसास दिलाना चाहते हैं कि वो विदेशी हैं जो कि पूरी तरह से गलत है.’
वो आगे कहते हैं, 'आप केवल गानों को दोष क्यों दे रहे हैं? मुस्लिम इलाकों में जाने के बाद लगाए जाने वाले नारे बदल जाते हैं. टोन बदल जाता है. हाव-भाव तक बदल जाता है. हम ऐसी किसी भी हरकत को बर्दाश्त नहीं करते.’
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