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डरा सहमा भारत और भगवा आतंकवाद

भारतीय मुसलमान खतरे में उसकी बेटी खतरे में उसकी इज्जत खतरे में उसका माल खतरे में उसका घर और दुकान खतरे में

किसी आह के लिये दूर तलक मत जाना
शाहज़ादी कहीं जंगल में भटक मत जाना


ये आसिफा है जिसे जंगल में अकेला पाकर राम का नाम लेकर एक मंदिर में पहले उसका। बलात्कार किया फिर उसे मार डाला



इम्तिहान लेंगे यहाँ सब्र का दुनिया वाले
मेरी आँखों ! कहीं ऐसे में चलक मत जाना

जिंदा रहना है तो सड़कों पे निकलना होगा
घर के बोसीदा किवाड़ों से चिपक मत जाना

कैंचियां ढ़ूंढ़ती फिरती हैं बदन खुश्बू का
खारे सेहरा कहीं भूले से महक मत जाना
दिसंबर  2012 में निर्भया के बलात्कार खबर आ यी थी देखते ही देखते पूरे देश की लड़कियां हंथों में मोमबत्ती लेकर दिल्ली की सड़कों पर निकल पड़ी थीं रायसीना हिल को इन लड़कियों ने चारों तरफ से घेर लिया था सरकार सदमें में थी कि करें तो क्या करें सरकार ने तबड़ तोड़ कानून में बदलाव किया और सारे अपराधी पकड़े गए 
लेकिन 10 जनवरी को जम्मू के कठुआ से 8 साल की आषीफा को अगवा किया जाता है उसे एक मंदिर में लाकर बे होसी का इंजेक्शन दिया जाता है फिर उसके बाद आरोपी उसका बलात्कार करते हैं 8 दिन तक उसे भूखा प्यासा रखा जाता है अगवा
 करने के दूसरे दिन आरोपी अपने दोस्त को फोन करके कहता है कि मैंने एक लड़की का अगवा किया है अगर अपनी प्यास बुझाना है तो आजा तो उस आरोपी का दोस्त मथुरा से चलकर जम्मू जाता है और वो भी उस मासूम का बलात्कार करता है जब 2 दिन तक आशिफा का कोई पता नहीं चलता तब उसका बाप पुलिस में इसकी कंप्लेंट करता है मगर जिस पुलिस कर्मी को आशिफा का पता लगाने की जांच सौंपी जाती है वो जानता है कि आशिफा कहां है क्योंकि वो भी उस मासूम का बलात्कार करता है 8 दिन तक भूखा प्यासा रखकर उस मासूम से बलात्कार करते हैं फिर जिस दिन उस लड़की को मारना होता है तो मारने से पहले पुलिस वाला आरोपियों को फोन करता है और कहता है की उसे अभी मत मारना मैं आराहा हूं अभी एक बार अौर करना है फिर पुलिस वाला जब पहुंचता है तब तक वो लड़की मार दी जाती है तो पुलिस वाला मर जाने के बाद भी उस लड़की का रेप करता है जरा सोचो कितना तड़प होगी वो मासूम कितना रोई होगी  वो अपने मां बाप को याद करके 7 दिन की भूखी प्यासी मारदी गई  मगर आशिफा मरने पर कोई लड़की या कोई नेता सड़क पर आंदोलन करने नई आया रायसीना हिल्स का घेराव नहीं किया गया मोमबत्ती का मार्च नहीं निकाला गया क्यों क्योंकि आशिफा मुसलमान है इस लिए  उसके बाद आरोपी गिरफ्तार किए गए जब आरोपी गिरफ्तार किए तो आरोपियों को बचाने के लिए बीजेपी के 2 सांसद और कुछ भगवा आतंकवादियों ने मिलकर हिन्दू एकता मंच का गठन किया और 16 फरवरी को जम्मू के कठुआ में आरोपियों को बचाने के लिए एक रैली निकाली गई
ये है उस रैली कि तस्वीर




फिर जब 10 अप्रैल को पुलिस चार्जशीट दाखिल करने कोर्ट जा रही थी तब हिन्दू एकता मंच के गुंडों ने पुलिस को रोकने की कोशिश की मगर किसी तरह पुलिस कोर्ट तक पहुंच गई कोर्ट में वकीलों ने पुलिस को रोकने की कोशिश की यानी वकील आरोपियों को बचाने चाहते हैं यानी अब ऐसा हो गया है की अगर कोई हिन्दू किसी मुस्लिम लड़की का बलात्कार करें और उसे जान से मार दे तो हिन्दू आतंकवादी उसे देश भक्त कहने लगते हैं प्रधान मंत्री मोदी से कोई उम्मीद है नहीं की वो ये सब रोकने की कोशिश करेंगे क्योंकि ये जो भी हो रहा है ये सब प्रधानमंत्री की मर्जी से हो रहा है क्योंकि वो खुद ही मुसलमान से नफ़रत करते हैं खुद उन्होंने है गुजरात के 2002 के दंगों में हज़ारों मुसलमानों को मरवा दिया जाने कितनी मासूमों कि इज्जत खराब करवा दिया था अब देखना ये है कि अगर मुसलमनों को अपनी बेटियों को इन भेड़ियों से बचाना है तो हथियार उठाना पड़ेगा भीड़ के सामने भीड़ बन कर जाना पड़ेगा वो अगर एक को मारें तो बदले में 10 को मारना पड़ेगा वरना 20 साल बाद हमारे बच्चे और हमारी बच्चियां घर  से निकलने में डरेंगी में इसलिए नहीं कहता हूं कि  में भी 2 बेटियों का बाप हूं मुझे अपनी बेटियों कि फिकर है बल्कि में तो इसलिए कहत हूं कि दोबारा कोई आशिफा इस तरह तड़प तड़प कर भूखे प्यासे अपने मां बाप को याद करते हुए ना मारे मैं जब भी उसे याद करता हूं तो मेरी आंखों से आंसू बहने लगते हैं लाख कोशिश करता हूं कि इन आसुंवों को रोक लें। मगर ये रुकते ही नहीं है कितना रोई होगी वो मासूम कितना तड़पी होगी अम्मा अम्मा अब्बू अब्बू कहकर कितनी बार रोई होगी मगर इन जलिमो ।को उस पर राहेम नहीं आया और उनसे भी बड़े जालिम हैं वो लोग जो इन दरिंदों को बचा रहे हैं और उनसे भी बड़े जालिम हैं कश्मीर के आतंकवादी जो मासूमों को तो मार  डालते हैं लेकिन ऐसे अपराधियों को नहीं मारते उन वकीलों को नहीं मारते जो इन दरिंदों को बचा रहे हैं अगर वाकई वो लोग मुसलमान हैं तो इस दरिंदगी का बदला लेंगे 
मारने के बाद आषिफा की लाश
अंत में रवीश कुमार की सुने आंखों में आंसु आजाएंगे

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